Navratri Day 1 – Maa Shailputri
"नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित है। वे पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। उनका वाहन वृषभ है और हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं। इस दिन दुर्गा पूजन का आरंभ होता है।
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Navratri Day 2 – Maa Brahmacharini
"नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। वे हाथ में जपमाला और कमंडल धारण करती हैं। उनका स्वरूप तपस्या और साधना का प्रतीक है। इस दिन साधक को संयम और धैर्य की शक्ति मिलती है।"
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Navratri Day 3 – Maa Chandraghanta
"नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा को समर्पित है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की घंटा है, इसलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। वे सिंह पर सवार होती हैं और दस हाथों में शस्त्र धारण करती हैं। उनका स्वरूप साहस और शांति का प्रतीक है।
Navratri Day 4 – Maa Kushmanda
"नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्मांडा को समर्पित है। उन्होंने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की, इसलिए उन्हें ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री कहा जाता है। वे अष्टभुजाधारी हैं और सिंह पर सवार होती हैं। उनका स्वरूप ऊर्जा और सृजन शक्ति का प्रतीक है।
Video – Maa Kushmanda
Navratri Day 5 – Maa Skandamata
"नवरात्रि का पाँचवाँ दिन माँ स्कंदमाता को समर्पित है। वे भगवान कार्तिकेय की माता हैं और गोद में स्कंद को धारण करती हैं। उनका वाहन सिंह है और वे कमल पर विराजमान रहती हैं। उनका स्वरूप मातृत्व, करुणा और शांति का प्रतीक है।"
Navratri Day 6 – Maa Katyayani
"नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी को समर्पित है। वे ऋषि कात्यायन की पुत्री हैं और सिंह पर सवार होती हैं। चार भुजाओं में कमल, तलवार, वरमुद्रा और अभयमुद्रा धारण करती हैं। उनका स्वरूप साहस और विजय का प्रतीक है।"
Navratri Day 7 – Maa Kalaratri
"नवरात्रि का सातवाँ दिन माँ कालरात्रि को समर्पित है। उनका स्वरूप अंधकारमय परंतु कल्याणकारी है। वे राक्षसों का नाश कर भक्तों की रक्षा करती हैं। उनका वाहन गधा है और चार भुजाओं में लोहे का कांटा, तलवार, वरमुद्रा और अभयमुद्रा धारण करती हैं।"
Navratri Day 8 – Maa Mahagauri
"नवरात्रि का आठवाँ दिन माँ महागौरी को समर्पित है। उनका वर्ण शंख और चाँद की तरह श्वेत है। वे बैल पर सवार होती हैं और चार भुजाओं में त्रिशूल, डमरू और वर-अभयमुद्रा धारण करती हैं। उनका स्वरूप शुद्धता, शांति और सौम्यता का प्रतीक है।"
Navratri Day 9 – Maa Siddhidatri
"नवरात्रि का नौवाँ दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। वे सभी सिद्धियों की दात्री हैं और कमल पर विराजमान रहती हैं। उनके चार हाथों में गदा, चक्र, शंख और कमल है। उनकी पूजा से जीवन में सभी सिद्धियों और सफलता की प्राप्ति होती है।"
Dussehra / Vijayadashami
"दशहरा विजय का पर्व है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त की थी। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। लोग रावण दहन करते हैं और खुशियाँ मनाते हैं।"
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